क्या आज हम मूल शास्त्रों से भटक चुके हैं?

 क्या आज हम मूल शास्त्रों से भटक चुके हैं?

वेद ही संपूर्ण धर्म का मूल है। कल्प ग्रंथ वह ग्रंथ है जो वेद विहित कर्मों का क्रमानुसार प्रस्तुत करने वाला शास्त्र है। इसके अंतर्गत वेद के कर्मकांड, यज्ञ की विधियां, हमारे जन्म से लेकर मरण पर्यंत जितने भी संस्कार हैं उनके संबंध में बताया गया है, सामाजिक नियमों को निभाने का आदेश दिया गया है तथा यज्ञ वेदी को माप कर अनेक तरह की बेदियां बनाई जाती हैं। वेदार्थ ज्ञान के लिए जो पद संग्रह दिए गए हैं उसे निरुक्त कहते हैं। निरुक्त के आधार पर ही वेदों को समझा जाता है। वेद ही संपूर्ण धर्म का मूल है। जो ब्राह्मण वेदों को छोड़कर अलग ग्रंथों में मेहनत करता है वह कुल सहित शूद्र वाले भाव में पहुंच जाता है। इसलिए ब्राह्मण को वेद पढ़ना और उसका रक्षक बनना चाहिए। वेद को ब्राह्मण ग्रंथ माना गया है। जिसके अनुसार हम कल्याण के मार्ग पर चलते हुए अपना भलाई का मार्ग ढूंढे। निरुक्त के आधार पर वेदों को समझें।


https://youtu.be/BQ3phfcoTWk?si=ORkC4zqFi5uI0KHY

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