ज्ञान चाहिए तो झुकना पड़ेगा! अहंकार से नहीं, समर्पण से मिलती है विद्या
ज्ञान चाहिए तो झुकना पड़ेगा! अहंकार से नहीं, समर्पण से मिलती है विद्या
ज्ञान परिचय नहीं है जब विद्या और शिक्षा दोनों मिलेगी तब ज्ञान होगा, अहंकार आपको झुकने नहीं देता। ज्ञानियों की अपनी एक मुस्कान होती है उनसे कुछ प्राप्त करने के लिए झुकना पड़ेगा तभी जाकर प्राप्ति होती है वहां अहंकार गलेगा। जहां जिज्ञासा है उसे ही दिया जाता है जो प्यासा है उसे ही प्राप्त होता है उसके लिए जब वह सर्वस्व निछावर कर देता है तब जाकर महान दाता आपके पात्र को पूर्ण करता है !परिचय ज्ञान नहीं है... और अहंकार में खड़ा व्यक्ति कभी भी ज्ञान की गोद में नहीं बैठ सकता!" विद्या मुक्त कर देती है ! गुरु अंबर और शिष्य धरती है !
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