आसक्ति ही सब दुःखों की जड़ है —कैसे छुटकारा पाएं?
आसक्ति ही सब दुःखों की जड़ है —कैसे छुटकारा पाएं?
हम अपने कर्म से ज्यादा पाने की कोशिश करते हैं लेकिन हमें कर्मशील तो बने रहना पड़ेगा इसीलिए यह संसार कर्म भूमि कही जाती है और कर दिए मतलब जो हमें हाथ प्राप्त है वह इस कर्म भूमि के लिए और कर्मयोगियों के कारण यह संसार अच्छा बना हुआ है उन्होंने परिणाम पर ध्यान नहीं दिया अपनी जिंदगी दांव पर लगा दिया और कुछ लोग ऐसे समाज को दोषी ठहराते है हमें ब्रह्मांड में बहती हुई प्रसन्नता को ग्रहण करते हुए औरों को लाभान्वित करते हुए जीवन जिए हम समाज में अधिकार और वर्चस्व चाहते हैं! आसक्ति छोड़कर कर्म करो

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