मैं भी तेरा, मेरा भी तेरा" — जब आत्मा भगवान से जुड़ती है...


 मैं भी तेरा, मेरा भी तेरा" जब आत्मा भगवान से जुड़ती है...

मैं भी तेरा मेरा सब कुछ तेरा । जो भगवान में समाहित है।लेकिन कभी-कभी हम भगवान से दूर हो जाते हैं क्योंकि हमारा अडियलपन सामने आ जाता है यदि योग सिद्ध हो जाएगा, तो आप अपने में स्थित हो जाएंगे उसे महसूस होने लगेगा कि परिवर्तन आ जाता है लेकिन यह देखा जाता है कि जो खो गया वह सोना, जो मिल गया वह मिट्टी ।हम इस तरह से जीवन जीते हैं हम बनावटीपन में जीवन जीते हैं लेकिन योगी वह उसमें ,अपने को भुला देता है यदि हम आध्यात्मिक हो जाते हैं और योग साधना में लीन हो जाते हैं तो यह मानना कि हम अपने भगवान के लिए कार्य कर रहे हैं और यही से शुरू होती है आध्यात्मिक यात्रा !परमात्मा के प्रति आभार प्रकट कीजिए। हम अपने अधूरेपन को पूरा करें



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